मेरे दो मुक्तक
मेरे दो मुक्तक
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राष्ट्र कवि दिनकर आधुनिक युग के दिनकर, साहित्य जगत में पहचान अमिट रस वीर।
कवि दिनकर हिंदी के कलम सम्राट -देकर जन्म धन्य-धन्य हुई धरा बिहार।।
रेणुका, उर्वशी, हुंकार, रश्मिरथी क्रतियाँ महान, सदा रखा हृदय में, माँ भारती के प्रति मान।
ओजस्वी राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत रचीं रचनाएँ -दिनकर ने पाया जन-जन से सम्मान।।