मेरा सपना सच हुआ।
मेरा सपना सच हुआ।
ये बात है उन दिनों की,
जब मैं छात्र था,
अप्रेल का महीना था,
परीक्षाएं सर पे थी,
सिलेबस थोड़ा बदला था,
हर कोई असमंजस में था,
कि पेपर कैसा आएगा।
विश्वविद्यालय ने भेजे कुछ मोडल पेपर,
मैं तुरत पहुंचा कालेज़,
दो घंटे लगाए,
सारे अपनी कापी पे उतारे,
घर जाके अच्छी तरह से दिमाग में बिठाए।
रात को भी परीक्षाओं का आया सपना,
देखा जो याद किया,
वैसे का वैसा ही पाया।
अगले दिन उठा,
मंदिर गया,
भगवान के आगे नाक रगड़ा,
ध्यान रखने का वादा लिया,
और परीक्षा देने चल दिया।
जैसे ही प्रश्नपत्र आया,
हड़बड़ाहट से उठाया,
सीधे ही प्रश्नों पे आया,
खील गई वांछें,
सपना सच होता पाया,
पहले तीन प्रश्न,
मोडल पेपर से थे आए,
मुझे लगा,
कभी कभी सपने भी सच हो जाएं।