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मेरा माउस

मेरा माउस

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अच्छा हुआ

मित्रता अब कंप्यूटर के माउस में

कैद हो गयी,

हमारी घनिष्टता

अब सिमटकर उंगलियों

में रह गयी !

सुना था

हमारे दिन भी आयेंगे

हम सबको अपनी उंगलियों पर नचाएंगे,

साकार सपने

हो गए मेरे

अब हम भी अपना जलवा दिखायेंगे !

मित्रता पहले परखते थे

सामने से

विचारों का मेल होता था ,

सहयोग की भावना,

मिलन का आभास,

हमारे बीच होता था !

मित्रता हम उम्र होती थी,

हमें सब जानते थे ,

पहचानते थे ,

दुखः सुख में हम सब साथ होते थे !

अब भले इन बंधनों से दूर

चल कर आ गये,

विश्व के लोगों को अपनी उंगलियों से

अपना मित्र बना गये !

एक पल में बनाते

मित्रता की फौज को ,

मन नहीं भाता

किसी से

क्षण में मिटाता लोग को !

माउस को हम

पूजते हैं

यही हमारा मान रखता !

मित्रता को जोड़ने

या तोड़ने का बस यही सब कार्य करता !!



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