मौसम बदलते रहेंगे
मौसम बदलते रहेंगे
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जिंदगी हमेशा गुलजार नहीं रहती,
कभी आ जाता है पतझड़ का मौसम
उम्मीदों के सारे पत्ते झड़ जाते है,
और साखें भी सूख कर हो जाती हैं बेदम
फिर आशा की एक नन्ही किरण मुस्कुराती है
उत्साह और हौसले की बदरी बरस जाती है
और उम्मीद की नई कोपलें फूटने लगती हैं
हरे भरे पत्ते लहराते हैं डालियां झूमने लगती हैं
जीवन की बगिया में यूं ही मौसम बदलते रहेंगे
पतझड़ और बहार के दौर यूं ही चलते रहेंगे।