मैंने दिल से कहा
मैंने दिल से कहा
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मैंने दिल से कहा
क्या चाहता है तू, जरा ये तो बता
कब यहां सबको, केवल खुशियां मिली
इस दुनिया में है गमों की भी इंतेहा
तू तो फिर भी है किस्मतवाला
गर अपनो ने की रुसवाई
कई प्यार करने वालों ने तुझको संभाला
कर शुक्राना तू उस रब का
ठोकरें खाकर अगर कभी गिरा भी
तो तन कर फिर फिर खड़ा हुआ
इसी का नाम है जिंदगी
सब कुछ सह और केवल मुस्करा