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Kawaljeet Gill

Others

5.0  

Kawaljeet Gill

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मायूसी

मायूसी

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मायूसी सी छायी है चारो और

एक तू जो नही कुछ नही भाता मुझको

जी मे आता है कुछ देर जी भर कर रो ले

पर तुमको दिया अपना वादा याद आता है

हँसकर जीना होगा मेरे बिना तुमको अकेले

इस जहान में

उंगली पकड़कर चलना सिखाया है तूने मुझे

दुनिया की हर बुराई से बचाया हमको

हर किसी से मुकाबला करना सिखाया हमको

इतने लाड़ प्यार से पाला हमको की तेरी कमी

हर पल खलती है मुझको

अपने फ़र्ज़ निभाने की प्रेरणा दी हमको

उधार की ही सही बस कुछ और जिंदगी जीनी होगी

अपने हर फ़र्ज़ को अदा करना होगा

अपनी ख्वाइशों को मार कर अपनो के लिए जीना होगा...


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