Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Manu Sweta

Others

2  

Manu Sweta

Others

मानो या न मानो

मानो या न मानो

1 min
210


वो भी क्या दिन थे

जब हम अपने मे मस्त थे

न कोई फ़िक्र न उलझन

बस मस्ती थी रात दिन

हर दिन हवा पे सवार थे

सच पूछो तो चलती बयार थे


फिर कुछ ऐसा हुआ

हमारी ख़ुशियाँ हो गयी धुआँ

जब तुम मेरी ज़िंदगी में आये

संग अपने नए सपने लाये

अब कुछ भी अच्छा नहीं लगता था

दिल तो बस तेरे पास रहता था

अब वो मस्ती कही नहीं रही

वो चुलबुलापन न जाने कहाँ गया


केवल आँखें तुम्हें ही ढूंढा करती

तुझसे मिलने का बहाना खोजा करती

तब तुम भी मुझसे ढेरों बातें करते

हर वक़्त मेरी फ़िक्र जताया करते

लेकिन वो बस तुम्हारा टाइम पास था

अपने सुंदर होने का अहसास था

लेकिन मैं तुम्हें कभी भूल नहीं पाई

और अपनी सारी मस्ती न जाने

कहाँ खो आई।



Rate this content
Log in