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Priyanka Vegda

Others

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Priyanka Vegda

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माँ

माँ

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होती है जब दो रोटी,

माँ खुद भूखी रहकर

हमें है खिलाती

वो खुद है चुपके से रो लेती,

लेकिन हमें हमेशा है हँसाती


जब सिर पर माँ का हाथ फिरता है

मानो जैसे जन्नत का साथ मिलता है

उनकी तारीफ में तो शब्द कम पड़ते हैं,


उनको गले लगाकर ख़ुशी या ग़म में

आँखें नम पड़ती है

कभी कभी माँ कोई ना समझ पाया,

माँ तो है ख़ुदा का अनोखा साया..



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