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Neeta Chavda

Others Children

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Neeta Chavda

Others Children

मां

मां

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मां बिना तेरे हम क्या होते?

छुप के से किसकी गोद में सोते?

अपने सपनों को भूल कर भी

बच्चों में सपने बोती होती है

कैसे करूं तुझे शब्दों में बयां

तू ग्रंथों से महान होती है।


घर को कैसे चलाती है?

जब जब सहूँ में कुछ कष्टों को 

तो आँख तेरी भी भर आती है,

न चुका पाऊंगी ऋण तेरा

तू मजबूत चट्टान सी होती है,

कैसे करूं तुझे शब्दों में बयां

तू ग्रंथों से महान होती है।


उपकार तेरे इतने मुझपर की 

न ज़िंदगी भर में चुका पाऊँगी ,

मुस्कान तेरी है कितनी न्यारी

तुझ पर ही मैं वारी जाऊंगी,

उपदेश तेरा संग हर पल मेरे

तो खुद को अकेली न पाऊँगी,

कैसे करूं तुझे शब्दों में बयां

तू ग्रंथों से महान होती है।



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