ऐसी हो मेरी दिवाली
ऐसी हो मेरी दिवाली
दीप जले,पर याद रहे,
रोशन हर चिराग मिले...
फूल खिलें, पर ध्यान रहे
खुशबू से, सारा जग यह खिले ....
प्यारी रंगोली भी बने
पर छटा, हर चेहरे पर दिखे.....
खूब बटें, मिठाई भी
पर कसर न हो, अच्छाई में ...
मस्ती की धुन भी खूब बजे
पर शोकाकुल, कोई न मिले ...
लक्ष्मी का गुणगान भी हो
पर उपकार , कहीं पीछे न रहे .....
खूब चलें, पटाखे भी
पर कोई बीमार , परेशान न हो....
खुशियाँ चाहे खूब बँटे
पर दुखी, कोई घर -द्वार न हो ...
बस इतना- सा यदि ध्यान रहे
तो खुशियों की भरमार मिले ....
माँ लक्ष्मी की अनुकंपा का
सब पर साया बेशुमार रहे ....