*माँ का रिश्ता *
*माँ का रिश्ता *
माँ का रिश्ता इस दुनिया में,
सबसे प्यारा होता है।
निस्वार्थ, निष्काम जगत में,
सबसे न्यारा होता है।।
नो महीने कोख में रखकर,
रगो का खून पिलाती है।
ममता के आंचल मे लेकर,
दुनिया के रंग दिखाती है।।
अपना बच्चा हर माॅऺ की,
आँखों का तारा होता है।
माँ का.....
देकर आशीर्वाद ह्रदय से,
पग के कांटे हरती है।
बच्चे की हर मुश्किल को,
आसान पलों में करती है।।
दुःख के गहरे सागर का,
माँ ही तो किनारा होता है।।
माँ का....
संघर्षों की पीड़ा को,
चुपके -चुपके सह लेती है।
जाते जाते भी दुनिया से,
दुआ खूब दे जाती है।।
माँ से बढ़कर जीवन का,
ना कोई सहारा होता है।।
माँ का रिश्ता इस,
दुनिया में सबसे प्यारा होता है
निस्वार्थ, निष्काम जगत में,
सबसे न्यारा होता है।
