लॉक डाउन काल
लॉक डाउन काल


कोरोना महामारी ने जब जाल फैलाया,
सरकार ने मजबूरी में तब लॉकडाउन लगाया।
शुरू - शुरू में दिल बहुत घबराया।
घर के काम देख, दिमाग चकराया।
फिर अपने मन को समझाया ,
कि हमारे भले के लिए ही तो लॉकडाउन आया।
लिखने का शौक था जो पूरा किया।
परिवार को पूरा वक्त दिया।
बच्चों के साथ अपना बचपन जिया।
बड़ों से अनुभव का खजाना लिया।
सुनहरे पलों की स्मृतियों को मन में भर लिया।
हाँ हमारे भले के लिए ही तो लॉकडाउन आया।
ये कोरोना का दौर भी चला जाएगा।
एक बार फिर से हर कोई मुस्काएगा।
इंसान फिर से सामाजिकता निभाएगा।
अच्छी बुरी यादों का पिटारा भर जाएगा।
हमें खुद से रूबरू कराया,
हमारे भले के लिए ही तो लॉकडाउन आया।।