STORYMIRROR

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Others

4  

बिमल तिवारी "आत्मबोध"

Others

लोकतंत्र का खेल

लोकतंत्र का खेल

1 min
376

लोकतंत्र का खेला देखो

सत्ता  ख़ातिर मेला देखो


बदल रहें हैं पाला कैसे ?

गुरुओं के संग चेला देखो


बिना बात के झंझट झगड़े

बेमतलब का झमेला देखो


जगह नहीं हैं दरवाजे पर

अब नेताओं का रेला देखो


जनसेवा  का नाटक कर

टिकट कटने पे बवेला देखो


बेटा, बेटी, बहु, माता सब 

रिश्तों का ठेलमठेला देखो


गाजा, भांग, चिलम जीवि का

संतों सा रूप चमेला देखो


गुंडा, चोर, माफिया संरक्षक

बनते नेता का छेला देखो


कोई किसी का नहीं सत्ता में

छछूंदर, साँप, नवेला देखो ।।



Rate this content
Log in