लोकतंत्र का खेल
लोकतंत्र का खेल
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लोकतंत्र का खेला देखो
सत्ता ख़ातिर मेला देखो
बदल रहें हैं पाला कैसे ?
गुरुओं के संग चेला देखो
बिना बात के झंझट झगड़े
बेमतलब का झमेला देखो
जगह नहीं हैं दरवाजे पर
अब नेताओं का रेला देखो
जनसेवा का नाटक कर
टिकट कटने पे बवेला देखो
बेटा, बेटी, बहु, माता सब
रिश्तों का ठेलमठेला देखो
गाजा, भांग, चिलम जीवि का
संतों सा रूप चमेला देखो
गुंडा, चोर, माफिया संरक्षक
बनते नेता का छेला देखो
कोई किसी का नहीं सत्ता में
छछूंदर, साँप, नवेला देखो ।।