लड़के रोते नहीं हैं
लड़के रोते नहीं हैं
लडके रोते नहीं हैं ।
तो क्या उनमें इमोशंस होते नहीं हैं।
दिल से कमजोर तो लड़के भी होते हैं।
फिर क्यों लड़कियों जैसे आँसू वो बहाते नहीं हैं।
लड़के होने की प्रतिष्ठा को वो खोना चाहते नहीं हैं।
इसलिये लड़के रोते नहीं हैं।
दिल में भरा हो ऑंसूओं का समंदर,
पर ऑंखों में वो कभी नमी तक लाते नहीं हैं।
तुम लडके हो, और लड़के कभी रोते नहीं है,
हँसेंगे लोग, बस इसी सकोंच मे वो अपनी पीड़ा दिखा पाते नहीं हैं।
कठोर बनकर मजबूती का चोला हमेशा वो पहने रहते हैं।
थकान हो या हो हताश अपनी मजबूरी कभी दिखाते नहीं हैं।
लड़के होने का जो अभिमान है वो स्वाभिमान वो खोना चाहते नहीं हैं
इमोशंस तो लड़कों में भी होते हैं पर वो दिखाते नहीं हैं।
छुप छुप कर खूब रोते हैं यें,
बस खुले आसमान में दिखाते नहीं हैं।
क्योंकी, समाज और दुनिया की नजर में लड़के रोते नहीं हैं।