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Ashish Anand Arya

Others

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Ashish Anand Arya

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लड़के कभी रोते नहीं...

लड़के कभी रोते नहीं...

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जब जिम्मेदारी के अहसासों के साथ स्कूटी चलानी पड़ती है, सहसा ही मन में कौंधते हैं... यादगार पल...


!! लड़का जब स्कूटी चलाता है !!


एक लड़का जब स्कूटी चलाता है

वो ही जानता है, क्या-क्या खुद को जताता है!

भड़-भड़ तेज खूब आवाजें करने वाली बुलेट

उसे भी खूब पसंद है होती,

रौब जमाने वाली स्पोर्ट्स-बाईक

उसकी भी ख़्वाहिश-फर्माईश में होती,

लोग जब फर्राटे से अगल-बगल से

उससे आगे निकल जाते

एक सौ सी-सी की स्पीड की टीस

उसके मन में भी तड़पती होती,

सड़कों पर बिजली की तेजी से चमकती-दौड़ती

ढेर गाड़ियों के बीच  

खुद को रौंदती लड़कियों की नज़र से

उसे भी सकपकाहट बड़ी है होती,

पर वो... वो ज़िम्मेदारी समझता है

पापा की मजबूरियों को वो दिल में खूब परखता है,

घर के बढ़ते खर्चों को माँ

अपनी मुस्कुराहट की आड़ में कैसे गुम कर जाती है

हर दर्द पर वो भी

उतने ही चुपके से बस भीतर ही भीतर बिलखता है,

पिता की ईमानदारी की रकम से आयी स्कूटी से

शहरी सड़कों पर खुद के काम निपटा लेने के बाद

घर की जरूरतों के बोझ पर से

अपनी दिखावे वाली खुशी का खर्चा हटा करके

खुद को अक्सर चिढ़ाने वाले

सारे जज़्बातों का भी वो मन हर लेता है,

एक लड़का जब स्कूटी चलाता है, वो जानता है

कैसे अपनी हार में भी, वो अपनी जीत कर लेता है!


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