कविताएं....
कविताएं....
कविताएं समाज का दर्पण हैं
जो दिखता है
वही दिखाती हैं
जैसा होता है वैसे ही सामने लाती हैं।
कविताएं शब्दों की जादूगरी है
मन की कोमल भावनाओं का उदगार है
जोड़ती है हमें हमसे,
प्रकृति के सौंदर्य से,
मन के विश्वास से और
उस सच्चाई से जो सामने आना चाहिए।
कविताएं रूबरू कराती है
हर छोटे बड़े घटते लम्हों से,
बयां करती है
हमारे क्रोध की हर सीमा को,
उदासीनता और मन में उपजे भय को...!
कविताएं झूठ नहीं बोलती
आंखों से पढ़ लेती
जुबां पर अटकी हर बात।
कविताएं देती हैं
खुलकर कहने की आजादी
जो दबी पड़ी है
हमारे दिल के किसी तहखाने में,
आंखों में धुंधले होते यादों में
हमारे आस पास
बिखरी सुषुप्त अवस्था में...!
कविताएं जीवन देती है
सिखाती है हमें जीने का ढंग,
दिखाती है हमें और हमारे समाज को
नित नए रोज
"आईना"......!
कविताएं मिटाती है
हमारे हर दर्द को
हर टीस को
जो पिया है हमने
अंदर ही अंदर
कई वर्षों से.....!
कविताएं गीतों के हर सरगम में है
रचे बसे संगीत में है,
कविताएं लू के प्रचंड में है
आंधी और थपेड़ों में है,
कविताएं सावन की फुहार में है
उथले समुंदर के ज्वार में है।
कविताएं प्रतिबिंब है
कविताएं प्रदीप्त पुंज है,
कविताएं करुणा की विगालित धारा है
कविताएं आनंद का उद्घोष है।
कविताएं प्रेम है,
बिछड़न है
प्रेयसी की बैचेनी है
विरह की वेदना है।
कविताएं समुद्र की लहरें हैं
जो उठती और मिटती हैं....!
कविताओं की उंगली थामे
जब सही राह हम चलेंगे,
कर्तव्य पथ पर चलकर ही
ध्येय जिंदगी का सिद्ध करेंगे.....।