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कुछ रिश्ते

कुछ रिश्ते

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शाखों से पीले मुरझाए,

पत्ते गिर गए हैं,

हवाऐं अपना काम कर चलती बनीं,

कुछ रिश्तों की सीरत भी,

इन पत्तों सी होती है।


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