STORYMIRROR

Neeraj pal

Others

4  

Neeraj pal

Others

करुण पुकार।

करुण पुकार।

1 min
281

कर दो कर दो भव से पार, करता तुमसे करुण पुकार।।

बड़े भाग्य मानुष तन तुम दीन्हा, मैली चादर मैंने कर लीन्हा।

फँस गया बीच मँछधार, कर दो कर दो भव से पार.......


भोग-विलास में बीती उमरिया,अब तड़पत जैसे जल बिन मछरिया।

व्यर्थ लगे यह संसार, कर दो कर दो भव से पार.......


दम्भ-कपट नख सिख भरे मेरे, भव-जाल नहीं कटत अब मेरे ।।

आ पड़ा अब तेरे द्वार, कर दो कर दो भव से पार......


जिस काराज तुमने भेजा इस जग में, भूल गया सब कुछ पल भर में।

तेरी लीला है अपरंपार,कर दो कर दो भव से पार.....


प्रीत की रीत तुमने सिखलाई, पाषाण हिय में करुणा दिखलाई।

तुम बिन कोई न आधार, कर दो कर दो भव से पार.....


बाँह गहिं की लाज तुम राखत, मनवांछित फल वह है पावत।

तुम सा न कोई दातार, कर दो कर दो भव से पार........


भक्ति अविचल का "नीरज" अभिलाषी, दर्शन को नैना हैं प्यासी।

भीख मांगत बारंबार, कर दो कर दो भव से पार........


Rate this content
Log in