कोरोना नही बहाना
कोरोना नही बहाना


किसने सोचा था, ये भी हो सकता है,
दुनिया पूरी रुक जाएगी, उड़ानें भी थम जाएंगी।।
ईश्वरीय सत्ता भी झुक जाएगी।
नमस्ते का दौर आएगा, पूरा विश्व इसे अपनाएगा।।
किसने सोचा.....
24 घण्टे पुलिस का पहरा होगा,
पूरा देश lockdown में ठहरा होगा
शहरों की सीमाएं सील हो जाएंगी,
रेड ग्रीन, ऑरेंज जोन हो जाएंगी।।
किसने सोचा....
सड़कों पे ट्रैफिक जाम न होगा,
दफ्तरों में काम न होगा
घर से बाहर न जा सकेंगे
जंकफूड न खा सकेंगे।।
किसने सोचा....
छुट्टी खत्म होने की विश करेंगे,
जॉब को आपने मिस करेंगे,
बैठे बैठे थक जाएंगे,
सोचेंगे काम पर कब जायेंगे।।
सिनेमाघर सुनसान रहेंगे,
घरों में कैद इंसान रहेंगे
जानवर शहरों में सैर करेंगे,
इंसान जीवन की खैर करेंगे।।
शादी बिन बाराती होगी,
धर्मस्थल में भीड़ ने आती होगी।।
किसने सोचा ।