कलम में तेरी तेज धार है
कलम में तेरी तेज धार है
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना,
चोरी करने वाले हजार छुपे हैं हर कोने में उनके डर से तुम अपने हुनर को कम मत करना!!
दर्द होता बेहद जब हमारी जुबानी कही किसी और के नाम से दिखती है,
मग़र तुम उनके डर से अपने पथ से मत हटना!!
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना,
वो चुरा सकते लेकिन उन्हें सभा में नही सुना सकते है,
उनको डर है लेकिन तुम निडर होके हर जगह हर महफ़िल में अपनी जुबानी को बयां करना!!
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना,
वैसे तो बिना डरे चोर भी यहाँ घूम रहे है ये एक ऐसी चोरी है जहाँ चोर बड़े ही बेबाक घूम रहे है,
ह्रदय से तुमने जो निकल है,उसे लिखते हुए किस दौर से तुम गुजरे हो उस दौर को तुमने लिख रखा
उन्हें कहाँ कोई दौर से मतलब उन्हें तो बस कॉपी करने से मतलब है!!
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना,
कॉपी करने वाले कहाँ जस्बात को समझते है उनकी ज़िन्दगी में तो वो बिता भी ना हो शायद जिसको उनने कॉपी कर के रखा है,मैं जो ये लिख रही हूँ,
वो इसे भी कॉपी कर लेंगे मालूम है मुझे, मग़र फिर भी मैं लिख रही हूँ,क्योंकि मैं लिखने की आदत से मजबूर हूँ और वो चुराने की आदत से!!,
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना,
दुनिया चाहे कितनी भी आगे क्यो ना निकल जाये,
ये चोरी नहीं रुकने वाली,उनके लिये महज एक चोरी की गई रचना होगी,लेकिन हमारे लिये ये हमारे शब्दो की दौलत है, हम लिख कर कितने अमीर हो जाते है तुम नहीं समझ सकते,तुम चुरा कर कितने गरीब हो जाते हो तुम ये भी नहीं समझ सकते!!
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना,
तुम क्या जानो दर्द हमे भी होता है लिखते वक्त जो भावनाएं रखी थी उसे किसी और के नाम से देख कर दिल हमारा भी रोता है नहीं सुधरोगे मानती हूँ
लेकिन हमें हमारे नाम के साथ कही पेश कर के देखो इज़्ज़त कितनी बढ़ेगी तुम्हारी तुम कहाँ जानते हो!!
कलम में तेरी तेज धार है….......
