रहते हैं एक ही गगन में देख नहीं पाते एक दूजे को रहते हैं एक ही गगन में देख नहीं पाते एक दूजे को
काश! वो दिन फिर लौट आए कहीं से, जब ज़िंदगी बताशा हुआ करती थी। टूटे खिलौने, गुड़िया औ काश! वो दिन फिर लौट आए कहीं से, जब ज़िंदगी बताशा हुआ करती थी। टूटे खिलौ...
रे मन ! तू थकता नहीं है क्या ? पल में फूलों पर मँडराता पल में पेड़ों पर चढ़ जाता, रे मन ! तू थकता नहीं है क्या ? पल में फूलों पर मँडराता पल में पेड़ों पर...
कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना। कलम में तेरी तेज धार है इस धार को कम मत करना।