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mamta pathak

Others

4.0  

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कलम और प्रेम

कलम और प्रेम

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मैं लिखती हूँ जितना

टूटे मन की कविताएं 

उतना ही लिखती हूँ

प्रेम को भी 

मैं प्रेम के प्रेम को

और प्रेम की पीड़ा को

दोनों को महसूस करती हूँ

लेकिन मुझे, प्रेम के प्रेम से कहीं ज्यादा

प्रेम की पीड़ा का प्रेम गहरा लगता है

इसलिए कलम चुनती है गहरे प्रेम को!



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