कल
कल
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कल को भूल जाना है
बस आगे ही बढ़ना है
कल तो अब बीत गया
आने वाला नहीं बीता है
कल है यादों की किताब है
कल है सूरज का प्रकाश है
कल में छुपे ही ख़ज़ाने है
कल को कौन जाने है
कल जीवन का नस नस है
कल जीवन का सुख रस है
कल न असंभव हैं
कल में सब संभव है
कल बलिदानो की कहानी है
कल निर्माणों की जुबानी है
कल एक थका मुसाफिर है
कल हिमालय का तीर है
कल गुरुओं की वाणी है
कल का समय भी सानी है
कल एक शांत सरोवर हैं
कल एक बहता झरना हैं
कल श्रृंगार का गहना हैं
कल में हमें तो रहना है।