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Sangeeta- A-Sheroes

Others

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Sangeeta- A-Sheroes

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" किसान का शहर को पलायन "

" किसान का शहर को पलायन "

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हे किसान! गांव छोड़ शहर में तुम क्या पाओगे 

नहीं शहर यह तुम्हारे लायक तुम आ के पछताओगे 

घुला है जहर यहाँ हवा में,यहाँ कैसे रह पाओगे?

सूखे से शायद बच भी जाते 

यहां की बेरोजगारी से कैसे बच पाओगे?

हे किसान गांव छोड़ शहर में तुम क्या पाओगे 

रोटी की उम्मीद लिए आ गए हो जो तुम यहाँ ?

खाली पेट जहर हवा का लेकर 

नीचे पुल के क्या रात काट पाओगे?

हे ! किसान गांव छोड़ शहर में तुम क्या पाओगे 

अनपढ़ समझ हर कोई तुम्हें भगाएगा 

आधी मजदूरी में तुमसे अपना काम करवाएगा 

किस तरह तुम यहाँ पर पेट परिवार का भर पाओगे 

हे ! किसान गांव छोड़ शहर में तुम क्या पाओगे 

किसान तुम हो स्वाभिमान हमारा

मुश्किलें हों चाहे जितनी मिट्टी गांव की ना छोड़ पाओगे 

तुम देश के हो पालनकर्ता, इस देश को तुम ही जगाओगे 

हे ! किसान गांव छोड़ शहर में तुम क्या पाओगे ।।


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