किस रंग में रंगूं जीवन को
किस रंग में रंगूं जीवन को
किस रंग में रंगू अपने जीवन को
हर रंग में यहाँ खुशहाली है।
पीले वासंती सा महकाऊँ
पहन के पीत वस्त्र प्रभु में समाऊँ ।
हरी हरियाली सा लहराऊँ
आंखों में शांति की रोशनी जगाऊँ ।
लाल गुलाल सा बिखराऊँ
मीठे बोल से प्रेम भाषा को अपनाऊँ
केसरी सुगंध सी उड़ाऊँ
वतन के लिए बलिदानी भाव जगाऊँ ।
नीली स्याही सा घुल जाऊँ
अपना नाम भी इतिहास में लिखाऊँ
सफेद दूध सा छलकाऊँ
जिंदगी को सादगी और सच बनाऊँ ।
भूरी मिट्टी सा बन जाऊँ
भूखे पेटों के पालन का अन्न उपजाऊँ
काले अंधेरे को चीर आऊँ
पापी कुकर्मी चेहरों पे काली पोत आऊँ ।
हर रंग में उत्सव मनाऊँ
हर रंग से मैंने अपनी जिंदगी धो ली है
खुशहाली से हृदय लगाऊँ
रंगू तुम्हे तो बुरा ना मानो होली है।