किस किस से भरोसा
किस किस से भरोसा
1 min
181
किस किस से भरोसा तोड़े
किस किस का सहारा छोड़े l
इस ज़िन्दगी की हालत
समन्दर से कम नहीं है !!
दिल से जब भी सोचा,
हम हार गये
मन से जब भी देखा,
हम जान गये !
रिश्ते बनते है टूटने के लिए
अपने होते हैं लूटने के लिए
किस किस से आशा जोड़े
किस किस की हताशा छोड़े
इस बन्दगी की चाहत
कलंदर से कम नहीं है !!