खुद का सहारा हूँ मैं!
खुद का सहारा हूँ मैं!


एक टूटा हुआ, तारा हूँ मैं
बिखरा हूँ, पर खुद का सहारा हूँ मैं !
इश्क़ कि दरिया का, किनारा हूँ मैं
सच कहूँ तो, एक आवारा हूँ मैं !
बंजर जमीन के लिये, बारिश का फुहारा हूँ मैं
उसके देर होने का, वक़्त सारा हूँ मैं !
चढ़ती हुई जवानी का, मदहोश नजारा हूँ मैं
दिल से कहूँ तो, एक नंबर का नकारा हूँ मैं !
एक दर्द का सहारा हूँ,
रात का टिमटिमाता तारा हूँ मैं
प्रेम के ज़ख्म का मरहम,
औऱ टूटे दिलों का, सहारा हूँ मैं !
एक टूटा हुआ, तारा हूँ मैं
बिखरा हूँ, पर खुद का सहारा हूँ मैं !