कहाँ जा पाते हैं माँ बाप
कहाँ जा पाते हैं माँ बाप
1 min
196
कहाँ जा पाते हैं माँ बाप
छूट जाते हैं बहुत कुछ इस धरा पर
कभी लू के थपेड़ों में
घना वृक्ष बन सहला जाते हैं
कभी पथरीली जमीं पर
कोमल फूल से बिछ जाते हैं
आँख से रिसते आँसू को
दुआओं से मिटा जाते हैं
ज़िंदगी की मुश्किलों को
सदाओं से हटा जाते हैं
कहाँ जा पाते हैं माँ बाप.......
कभी बच्चों के चेहरे में बसते हैं
उनकी सफलता के सेहरे में
