कैसे कह दूं
कैसे कह दूं
जहां अनगिनत सवाल,
एक जवाब बन गए हो
और अनगिनत जवाब,
फिर एक सवाल तो,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
जहां धर्म के सौदागर
अपने लफ्जों से प्रतिदिन
उस भगवान को ही,
शर्मिंदा करते हो तो,
फिर कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
जहां सत्ता के लिए
सिद्धांत एवं मूल्यों को
ठेंगा दिखा दिया जाता हो...
तो, उन नेताओं की
सोच के लिए...
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
जहां एक आतंकी की,
सजा माफ़ी के लिए
मध्यरात्रि को,
उच्चतम न्यायालय
के दरवाजे खुलवाएं जाते हो,
तो फिर, उन बुद्धिजीवियों के लिए,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
जहां स्वामी विवेकानंद के वचन -
"गर्व से कहो हम हिंदू हैं"
का गलत अर्थ निकाल
उसे परोसा जाए... तो,
उस सोच के लिए,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
जहां अल्लाह के जिहाद के नाम पर
"अल्लाह" को ही पीड़ा दिया जाए
तो ऐसा जिहादी के लिए,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
यूएनए के मंच पर जाकर,
खुद के दामन का,
दाग साफ करने के बजाए...
अपने पड़ोसी को ही
गलत कहने वाले
ऐसे पाकिस्तान के लिए
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
दुनिया में मासूम बच्चियों के साथ
शोषण करता,
उसके नरभक्षी बाप के लिए...
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
किसी बलात्कारी विधायक को,
सजा दिलवाने में असमर्थ...
ग़रीब पिता के लिए,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
दहेज के लिए बहुएं को,
मारने वाले ससुराल के लिए,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
कानून का खौफ दिखाकर,
बात-बात पर गरीबों पर
अत्याचार करने वाले
उन प्रशासकों के लिए,
कैसे कह दूं-
वसुधैव कुटुंबकम!
वसुधैव कुटुंबकम का स्लोगन,
तभी फल-फूल पाएगा
जब ये सभी का,
सोच बन पाएगा,
नहीं तो फिर...
कैसे कह दूं -
वसुधैव कुटुंबकम!
