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Mayank Kumar

Others

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Mayank Kumar

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कैसे कह दूं

कैसे कह दूं

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जहां अनगिनत सवाल,

एक जवाब बन गए हो

और अनगिनत जवाब,

फिर एक सवाल तो,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


जहां धर्म के सौदागर

अपने लफ्जों से प्रतिदिन

उस भगवान को ही,

शर्मिंदा करते हो तो,

फिर कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


जहां सत्ता के लिए

सिद्धांत एवं मूल्यों को

ठेंगा दिखा दिया जाता हो...

तो, उन नेताओं की

सोच के लिए...

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


जहां एक आतंकी की,

सजा माफ़ी के लिए

मध्यरात्रि को,

उच्चतम न्यायालय

के दरवाजे खुलवाएं जाते हो,

तो फिर, उन बुद्धिजीवियों के लिए,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


जहां स्वामी विवेकानंद के वचन -

"गर्व से कहो हम हिंदू हैं"

का गलत अर्थ निकाल

उसे परोसा जाए... तो,

उस सोच के लिए,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


जहां अल्लाह के जिहाद के नाम पर

"अल्लाह" को ही पीड़ा दिया जाए

तो ऐसा जिहादी के लिए,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


यूएनए के मंच पर जाकर,

खुद के दामन का,

दाग साफ करने के बजाए...

अपने पड़ोसी को ही

गलत कहने वाले

ऐसे पाकिस्तान के लिए

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


दुनिया में मासूम बच्चियों के साथ

शोषण करता,

उसके नरभक्षी बाप के लिए...

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


किसी बलात्कारी विधायक को,

सजा दिलवाने में असमर्थ...

ग़रीब पिता के लिए,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


दहेज के लिए बहुएं को,

मारने वाले ससुराल के लिए,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


कानून का खौफ दिखाकर,

बात-बात पर गरीबों पर

अत्याचार करने वाले

उन प्रशासकों के लिए,

कैसे कह दूं-

वसुधैव कुटुंबकम!


वसुधैव कुटुंबकम का स्लोगन,

तभी फल-फूल पाएगा

जब ये सभी का,

सोच बन पाएगा,

नहीं तो फिर...

कैसे कह दूं -

वसुधैव कुटुंबकम!


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