कैसा होगा कल
कैसा होगा कल
हम छोटे हैं तो क्या हुआ ,
अक्ल के कच्चे हैं तो क्या हुआ।
धमाचौकड़ी खूब करेंगे,
मस्ती भी हम खूब करेंगे।
इसी समय को याद करेंगे,
बचपन को जिंदा रखेंगे।
अध्यापक के आने से पहले,
हम भी हल्लागुल्ला शोर करेंगे।
हम सभी बच्चे एक जगह पर,
मिलजुल कर खेला करेंगे।
पढ़ाई आजकल होती नहीं है,
हम बच्चों की चलती नहीं है।
हम अपनी उदंडता से,
अध्यापक को भी परेशान करेंगे।
किताब हम सब लेकर आते,
अध्यापक फिर भी नहीं पढ़ाते।
हम मनमानी खूब करेंगे,
इस तरह हम विरोध करेंगे।
हमसे पूरी फीस है लेते,
फिर भी क्यों कम शिक्षा देते।
स्कूल में अनुशासन नहीं है,
हम बच्चों को दोष बहुत है।
उदंडता देख बच्चों की,
शिक्षक भी परेशान बहुत है ।
कैसे होगा इन सभी का हल ,
कैसे सुधरेगा हमारा कल।
शिक्षक भी परेशान बहुत है,
शिक्षक भी परेशान बहुत हैं।
