जज्बा
जज्बा
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अगले पल सुकुन है जिंदगी
चल थोड़ा और चले,
टूट रही सांसों की गिनती
आ मिले एकबार गले।
थकना नही थिरकना है जिंदगी
सांसों की सरगम के तले,
मुसीबतें खाएंगी मुहकी
आ चल उठ फिर एकबार लड़े।
अगले.....
बीत गई सो बात गई
आनेवाले की आहट नही,
जो आज है वो अमृत है
पी के तू जी भर के जी ले।
अगले.....
संघर्षों के सागर से
सुकुन के कुछ मोती चुने,
दूजे के लिए लुटाए लम्हे
खुद के वजूद को चल आ ढूंढ ले।
अगले.....