जियो और जीने दो
जियो और जीने दो
जियो और जीने दो,
तितलियों सा उड़ने दो...
मुझे भी अपनी ज़िन्दगी में
कुछ रंग भरने दो...
सपने तो मैंने भी देखे है,
उन्हें मुझे साकार करने दो...
क्यों छीन लेते है कुछ लोग हमारी खुशियों को,
उन खुशियों को मुझे भी तो महसूस करने दो...
तुम्हारे घर में भी तो बहन - बेटी है,
मुझे वोही बहन - बेटी बने रहने दो...
क्यों तार तार करते हो नारी के शरीर को,
खुद को इंसान ही बने रहने दो...
खुद की ज़िन्दगी को भी तकलीफ में रखते हो,
अपनी ज़िन्दगी को भी खुशहाल बने रहने दो...
जियो और जीने दो,
तितलियों सा उड़ने दो...