जिंदगी
जिंदगी
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लोग दुकान की तरह बना
लिए जिंदगी अपनी,
जहाँ सब कुछ मिल जाता है
बहुत ही वाजिब दाम में,
आज ही ऑफर आया है
ढेर सारा ईमान में,
एक झूठ के साथ
हजारो झूठ मुप्त में है,
संभल के लेना
ये सरकारी माल है।
इसकी बिक्री बहुत जोरों पर
पर जरा गुप्त है,
बेचने वाला भी इंसान
खरीदने वाला भी इंसान,
एक अपना ईमान बेच दिया
तो दूसरे ने अपना गिरवी रख दिया,
बाहर निकलते है दोनों दिखते
बहुत महान हैं।
इज्जत भी बेचते हैं
इज्जत भी खरीदते हैं
बहुत रईसजादे हैं।
पानी भी खरीदते हैं
पानी भी बेचते हैं
देखा है ,शर्म आती है
अब लिखते हुए
इनका बस चले तो
ये सब --------बेचते हैं।