जिंदगी
जिंदगी
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जिंदगी है अजब पहेली
जितना सुलझाओ
उतना ही उलझ जाती
कितने आए और चले गए
समझा गए दुनिया को
आने वाले का राज
पर अफसोस
न बता पाएं
जाना है कहां
जिंदगी है अजब पहेली
जितना सुलझाओ
उतना ही उलझ जाती
किसने समझा
किसने जाना
होता है क्या बाद में
सच तो यह है कि
जिंदगी है अनमोल
यूं न गवांओ
पल का भरोसा नहीं
न जाने
किस पल चले जाए
अनंत यात्रा पर
कभी न लौटने को
इसलिए
न दुखाओं दिल किसी का
न रूलाओ किसी को
क्योंकि वह भी
उलझा है जिंदगी की पहेली में