जिंदगी
जिंदगी

1 min

183
जिंदगी है अजब पहेली
जितना सुलझाओ
उतना ही उलझ जाती
कितने आए और चले गए
समझा गए दुनिया को
आने वाले का राज
पर अफसोस
न बता पाएं
जाना है कहां
जिंदगी है अजब पहेली
जितना सुलझाओ
उतना ही उलझ जाती
किसने समझा
किसने जाना
होता है क्या बाद में
सच तो यह है कि
जिंदगी है अनमोल
यूं न गवांओ
पल का भरोसा नहीं
न जाने
किस पल चले जाए
अनंत यात्रा पर
कभी न लौटने को
इसलिए
न दुखाओं दिल किसी का
न रूलाओ किसी को
क्योंकि वह भी
उलझा है जिंदगी की पहेली में