जीवन
जीवन
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प्यार का बदला मिले सम्मान कम से कम हक़ तो होता है।
मृत सम्वेदनाओं वाले पले आस्तीन में सांप शक तो होता है।
अदब-तहज़ीब को भूलकर खुद को ख़ुदा से ऊपर समझे,
हाय से ना डरने वाला जेब से नही दिल से रंक तो होता है।
हद की सीमांत ना करो सवाल उठ जाएगा।
गिले शिकवे लाँछनों के अट्टाल उठ जाएगा।
लहरों से औकात तौलती स्त्री सम्भाल पर को,
मौकापरस्त शिकारियों में बवाल उठ जाएगा।
रंगरेज के डिब्बे लुढ़के बिखरे रह गए रंग।
सतरंगी भुवन बने धनक सब रह गए दंग।
नभ-गर्जन भूडोल उजड़े अनेकानेक नीड़,
सपने टूटे प्रेमबंध छूटे बजने से रह गए चंग।