जीवन यात्रा जारी है...
जीवन यात्रा जारी है...
जीवन यात्रा जारी है ....
सुबह मोर की आवाज सुनकर भोर हो गई।
मैं आज सत्तर साल का हूं, अद्भुत उम्र!
आत्मा और शरीर सुडौल अनुबंध रहा।
पंच भूतों भी हिस्सा बाँटने नहीं आये।
पढ़ाई, प्रमाण पत्र, पतक, प्यार, आशा, निराशा सुख-दुःख ,
आदि कितने अनुभव! मां , पूर्वजों और बड़ों के आशीर्वाद,
युवाओं के सहयोग ,
पैदा हुए प्यारे बच्चों के स्नेह,
सब के कारण जीवन यात्रा जारी है ।
दक्षिण भारत छोर के समुद्र तट पर
खड़े होकर तीन समुद्रों का संगम देखा।
उत्तर में भारत की राजधानी दिल्ली देखा।
पक्ष्चिम में तोट्टपेट्टा शिखर से लेकर मुंबई तक घूमा।
पूरब में कोलकाता से लेकर हिमालय पर्वत पर काठमांडू नेपाल तक घूमा।
बंगाल की खाड़ी में अंतमान द्वीप देखा।
उसे पार कर मलेशिया, सिंगापुर देखा।
बैलगाड़ी से लेकर मोटरगाड़ी, बस, रेल, जहाज, हवाई जहाज
आदि सभी वाहनों पर सवार कर लिया।
जीवन यात्रा जारी है....