जी का रूझान
जी का रूझान
जिन्न और दिया के मनगढ़ंत करामात
किस्से-दास्तानों में करें मुलाक़ात
एक-दूसरे का बन के सहारा
मिलकर दें किसी भी बाधा को मात।
मनचाही राहों में चलते हुए
नामुमकिन मुमकिन करते हुए
अरमानों को पूरा करने के लिए
जीवन सरल करते हुए।
मुश्किलें आसान करते हुए
बनावटीपन से खुशियां भरते हुए
हसीं पलों में जीने के लिए
करिश्माई दुनिया दिखाते हुए।
दीया और बाती का साथ
रोशन करें अंधेरी रात
महता में कोई कम-ज़्यादा नहीं
दोनों में बराबर-बराबरी की बात।
अंधेरों में नन्हा दिया हिम्मत रखे रहा
आंधियों का वेग सहता रहा
चारों ओर से पड़ते थपेड़ों में भी
बेख़ौफ़ अंधेरे मिटाता रहा।
आए कितने भी तूफ़ान
झेल कर उमड़ते उफ़ान
रोकने से न रूक सकें
खुल कर जीने को जी का रूझान।