जब मैं जाऊँ
जब मैं जाऊँ
जब मैं जाऊँ.....
सखी तुम आना करके श्रृंगार
सखी तुम आना बनके बहार
सखी तुम आना नैनन में ले के प्यार
सखी तुम आना हो के बेहद बेकरार
सखी तुम आना लेकर उलाहनों का अंबार
सखी तुम आना करने बची हुई तकरार
सखी तुम देना मेरे बच्चों को अपना दुलार
सखी तुम देना माँ - सी बन कर लाड़ - प्यार
सखी तुम आना और पोछना आँखों का कोर
सखी तुम आना और थामना यारी का छोर
सखी तुम आना बनके दिल से मेरी हकदार
सखी तुम आना बनके फिर से मेरी दरकार
सखी तुम आना सजाने अपने हाथों से यार
सखी तुम आना करने मुझे आखिरी प्यार।