इश्क़
इश्क़
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तन्हाई में मुस्कुराना इश्क़ है।
यादों में खो जाना इश्क़ है।
इश्क़ है फूलों का खिलना,
भँवरे का गुनगुनाना इश्क़ है।
इश्क़ है मस्ज़िद की अज़ानों में,
मंदिर का गजर बजाना इश्क़ है।
इश्क़ है पांव के आबलो में,
मेहनतकश का पसीना इश्क़ है।
इश्क़ है दुआ के लिए हाथ उठना,
माँ के क़दमों में झुक जाना इश्क़ है।
इश्क़ है नदी का सागर में मिल जाना,
लहरों का साहिल को छूना इश्क़ है।
इश्क़ सिर्फ़ जवां दिलों का क़िस्सा नहीं,
कांपते हाथों को सहलाना इश्क़ है।
