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नन्द कुमार शुक्ल

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नन्द कुमार शुक्ल

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ईश प्रार्थना

ईश प्रार्थना

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ज्ञान के सागर दया निधान ,

प्रभु हम को दो यह वरदान ।

अपना हित तो सब करते हैं, 

करे सदा हम जन कल्याण ।

तृषित जनो का त्रास हरे हम, 

निर्धन का संताप हरे ।

निज तन से हित करे सभी का ,

नही किसी का अहित करे ।

मेहनत से ही पाये जग मे, 

नही किसी का भाग हरे ।

करे सभी से प्रेम कुटिलता ,

द्वेष दम्भ का त्याग करे।

सत्पथ से ना विचलित हो हम, 

फूल मिले या शूल मिले।

मेरे मन का कमल प्रभू ,

तव चरणो मे ही सदा खिले ।

स्वाभिमान मम उर मे भर दो, 

दूर करो मेरा अभिमान ।

सारे जग मे फिर छा जाए, 

मेरा प्यारा हिन्दुस्तान ।

ज्ञान के सागर दया निधान, 

प्रभु हमको दो यह वरदान ।

अपना हित तो सब करते हैं, 

करे सदा हम जन कल्याण ।।



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