ईद मुबारक
ईद मुबारक
गले मिलकर सबने एक दूसरे को ईद की मुबारक बाद दी है,
आज मकान में खुशियों ने दस्तक दे दी है।
अम्मी ने आज ढेर सारे पकवान बनाए,
अब्बा ने ईद पर सबके लिए नए कपड़े है सिलवाए,
पूरा घर जुगनू सा जगमगा रहा है,
मेहमानो की चहल - पहल से सारा घर महक रहा है।
गले मिलकर सबने एक दूसरे को ईद की मुबारक बाद दी है,
आज मकान में खुशियों ने दस्तक दे दी है।
फारुख ने अपना नया वाला कुर्ता पहना है,
राबिया ने अपना जरी की कढ़ाई वाला दुपट्टा ओढ़ा है,
अम्मी और आपा सब सुबह से रसोई में है,
अब्बा मोहल्ले के सभी लोगो को दावत देने गए है।
गले मिलकर सबने एक दूसरे को ईद की मुबारक बाद दी है,
आज मकान में खुशियों ने दस्तक दे दी है।
एक अरसे बाद आज सारे रिश्तेदार एक साथ खाना खाएंगे,
सब मिलकर खुशहाली और सलामती की दुआ मांगेंगे,
त्यौहार की रौनक सारे आंगन में बिखरी है,
सारी गली आज रोशनी से जगमगा उठी है।
गले मिलकर सबने एक दूसरे को ईद की मुबारक बाद दी है,
आज मकान में खुशियों ने दस्तक दे दी है।
बच्चो ने अपनी ईदी संभाल कर गुल्लक में रख दी,
दावत के बाद अम्मी ने सबको सिवाईयां दी,
त्यौहार के असल मायने खुशियों को बांटने से है,
त्यौहार पर मिठाई में मिठास दिलों की चाशनी से है।