हसरत
हसरत
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क्या तुमको नही मालूम
कितनी हसरत से तकते हैं
तेरी एक झलक को हम
टॉनिक की तरह तरसते हैं तेरे एक बूँद को हम
तेरी याद में अब तो नींद में भी चलते हैं
तुमसे बस एक सुकून की फरमाईश थी
तेरे दिल में जगह देना, बस इतनी सी गुजारिश थी
मेरे फुर्सत के पल की राहत भरी सोच हो तुम
मेरे हरी जख्म की मरहमे बाम हो तुम
मेरे धड़कनों की संगीतमयी तार हो तुम
एक तुम ही पूरी संसार हो अब।