हरयाणे की नार
हरयाणे की नार
1 min
249
पहरै कमीज घाघरा, कर सौला सिंगार।
सिर पै ओढ़ै चूंदड़ी, हरयाणे की नार।
हरयाणे की नार, रूप का पाटा चाला।
मुरगाई सी चाल, जान का करदे गाला।
कहै भारती रूप, इसा आँख्या म्ह ठहरै।
ऊठै रै झनकार, पांव म्ह पायल पहरै।
