होती नहीं जो दादी-नानी
होती नहीं जो दादी-नानी


हमें डाँट से कौन बचाता
करते गर जो हम शैतानी?
करता कौन प्यार हमें फिर
कौन बोलता मीठी वाणी ?
अच्छी बातें कौन बताता
कौन सुनाता हमें कहानी?
बोलो कैसे जान हम पाते
बातें, सब की सब पुरानी?
बढ़िया मिठाई कौन बनाता
कैसे मुँह में आता पानी?
कौन हमारे नखरे सहता, जो
होती हमें न रोटी खानी ?
चुपके से देता पैसे कौन
चीज हमें होती जो लानी?
लेकर मैले में जाता कौन
छुट्टी जो होती हमें बितानी?
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सिर पर हमें चढ़ाता कौन
हमने जिद जो होती ठानी?
बातें हमसे मनवाता कौन
करते हम जो आनाकानी?
लोरी हमें सुनाता कौन, जब
निंदिया हमें न होती आनी?
कहाँ से मिलते मम्मी-पापा
कैसे पाते हम जिन्दगानी,
दादी है ममता की धूप, तो
नानी का प्रेम है, ठंडा पानी,
दोनों की अपनी है कीमत
दोनों की है अलग निशानी,
रह जाता जीवन अधूरा, जो
ईश्वर न करते, ये मेहरबानी?
सोचो क्या होता हमारा
होती नहीं जो दादी-नानी?