होली
होली
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मैं फिर मिलूंगी तुम्हें,पूनम के चाँद और
मनभावन मदमोहक पवन संग
पिया लगाए मोहे गुलाल और रंग,
मैं फिर मिलूंगी तुम्हें,
हाथों में लगा होगा मेरे हरा रंग
रंग के पिया तुम्हें
माँगूंगी तुम्हारी सुख समृद्धि
और रहूंगी होके तुम्हारी हर जनम..
मैं फिर मिलूंगी तुम्हें,
ले के प्रीत का लाल रंग
चाहे कोई कहे पागल मतवाली
कोई कहे पिया की दीवानी
रंग के रहूंगी प्रीत में तुम्हारी
मैं फिर मिलूंगी तुम्हें
होली के दिन सिर्फ
होली के दिन...