हे मन
हे मन
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हे मन, तुमको कैसे कौन,
पल-पल समझें ?
धड़क धड़क करता
ये है हमारी धड़कन।
विचारों के समुंदर में डुबा,
सपनों की ख्वाबों में निभोर,
हाथों में उम्मीदों का दीपक,
दिल में आस्था की धागा भिगोए।
सदैव मेरे कानों में बजती
दरवाज में कोई दस्तक देता,
कदमों की आहट धक धक,
रात की अंधेरे में भी एक प्रकाश,
हे मन, तुमको कैसे कौन,
पल-पल समझें ?
धड़क धड़क करता
ये है हमारी धड़कन।