STORYMIRROR

Bharat Bhushan Pathak

Others

3  

Bharat Bhushan Pathak

Others

घुँघरू

घुँघरू

1 min
262

हाँ घुँघरू हूँ मैं

हाँ सदियों की

कथानक की मुख

दृष्टा हूँ मैं।। 


हाँ मैंने स्वयं नारायण को

मोहिनी बनते देखा है। 

देखा है मैंने

बाँध मुझे 

नाचते उन्हें 

देखा है।। 


हाँ हाँ घुँघरू हूँ मैं 

बड़े-बड़े महाराजाओं को 

समक्ष 

मेरे नतमस्तक होते

देखा है।। 


देखा है मैंने

विश्वामित्र को

मेनका के

आधीन होते 

देखा है। 

हाँ घुँघरू 

हूँ मैं ।। 


महादेव की भंग करते

तपस्या कामदेव को 

देखा है।। 

कहा न कि घुँघरू

हूँ मैं ।।


Rate this content
Log in