फ़साने
फ़साने
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आसमान मे फैलाके पंख
उड़ चलूं गगन पार
धुंधला धुंधला है नील गगन
झाकूं मै उसपार।
आशाएं है कहीं बंधी
उम्मीदों की डोरी से,
बहारें फ़िर लौट आयेगी
जीवन की इस फुलहारी में ।
हर पल है नया दिन
हर पल है नया साल
हर मौसम है नया नया
हर पल है जीवन का रंगीन समा।
जीवन के हर मोड़पर
साथी कोई नया मिला
जीवन के इक मोड़पर
साथी कोइ बिछड़ चला...
छुटे हुये जमाने
बिझड़े हुये दिल,
ना करना कोई रंजीश
बनते रहेंगे फसाने।