एलियन
एलियन
तुम कौन हो ?
देखने में भी बड़े अजीब से लग रहे हो
अरे तुम्हारी सिर्फ आँखें हैं
तुम्हारा मुँह तो दिख ही नहीं रहा,
तुम खाना नहीं खाते,
तुम्हारा घर कहाँ है ?
तुम कपड़े भी नहीं पहनते
तुमको सर्दी - गर्मी और बरसात
महसूस नहीं होती क्या,
रुको दोस्त..
उसके मुझे छूते ही आवाज सुनाई दी,
अरे ! ये कौन बोला..
मैं तुम्हारा दोस्त, एलियन..
मेरी दुनियाँ में तुम्हारा स्वागत है मित्र
सुनो, तुम जो जानना चाहते हो..
मैं एलियन हूँ,
मैं तुम्हारी तरह पृथ्वी पर नहीं
अपने ग्रह पर रहता हूँ
मैं बोल नहीं सकता
लेकिन तुम्हें छू कर तुम्हारी
सारी बातों का जबाब सकता हूँ ।
हम में तुम इंसानों जैसा कपट नहीं होता
झूठ, चोरी, बेईमानी जैसे शब्द नहीं होते,
हमारे पास दिल होता है
उसकी सुनते हैं, उसी का कहना मानते हैं।