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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

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एक पल में

एक पल में

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एक पल में लखपती, दूजे पल में भिखारी,

वक्त के आगे बेबस हैं, नहीं चलती हमारी।

एक पल की कहानी, कोई नहीं कह पाता,

एक पल में सांस रुके, जब हो जा बीमारी।।


एक एक पल होता कीमती, खोना न बेकार,

एक पल पीछे रह जाये, आगे जाये ये संसार।

पल पल खुशी से बीता, भविष्य की न सोच,

पल में खुश है तो दूजे दुखी, बदले व्यवहार।।


एक पल में भूकंप आया, तबाह किया लातूर,

लाखों लोग बेघर हुये, ये सोच लेना मेरे हुजूर।

एक एक पल हो कीमती, होता बड़ा अनमोल,

एक पल ओझल होता, जन अपनों से ही दूर।।


एक पल हँसे, एक पल रोये, लगता अनजान,

वक्त संग जीना जाने, वो जन पाता है पहचान।

पल पल आगे बढ़ना, यही कहता है जमाना,

जो समय की कद्र नहीं करता, वो हो अज्ञान।।


एक पल आया अंग्रेज, हावी थे भारत देश,

एक पल ऐसा आया, बचा नहीं कुछ भी शेष।

एक पल में इंसान शांत मिले, दूजे में आवेश,

जो कल तक नौकर थे, आज दे रहे हैं आदेश।।


एक पल में रोता मिलता, दूजे पल में हँसता,

जो मन को नहीं भाता, वो ही दिल में बसता।

आओ हम बनाए आशियां, खुशियों से भरा,

जिस नाग को दूध पिलाते, वो एक दिन डसता।।


पल है सुहाना, पल में मंजर, पल की सोच,

सही वक्त पर नहीं चले तो, दुनिया लेगी नोच।।

हर पल को मन में भर लो, कब छूटेगी डोर,

ऐसा पल जिंदगी में आये, मन हो जाये विभोर।।


पल की महिमा गाते नर नारी, पल होता हसीन,

पल को यूं नहीं गुजार, ये कर देता मन गमगीन।

पल पल पुकार रहा तुमको, आओ आंखें खोले,

पल मन को बहलाता, रहना पड़ता जन तल्लीन।।



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